वैसे तो प्रदीप मिश्रा जी के बताये रास्ते पर चल कर हजारो लाखो लोगो का काम सिद्ध हो रहा है जिसमे कुछ लोग ये बात प्रदीप मिश्रा को पत्र के माध्यम से बताते है जिसमे पंडित जी द्वारा सिर्फ कुछ ही पत्र को पढ़ा जाता है जबकि अधिकांश पत्र को पढ़ा भी नही जाता क्योकि भागवत कथा के समय इतना संभव भी नही है की सभी का पत्र पढ़ा जा सके हम इस वेबसाईट के माध्यम से ऐसे ही अनसुने पत्र और लोगो के बताये सच्ची चमत्कारिक घटना को बता रहे है जो की बेहद अद्भुत घटना है जो शिव महिमा से ही संभव हुआ है
युवक के दिल में था छेद, पैसे भी नही थे तो बचने की कोई उम्मीद भी बाकी नही था
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिला निवासी 27 वर्षीय विनोद शुक्ला जी जो की पेशे से शॉप कीपर डेली नीड्स के दूकान चलाते है जिनका महीने का आवक 20 हजार से 25 हजार है
सब बढ़िया चल ही रहा था कि अचानक पता चला कि उनके दिल मे छेद है जो बहुत ही ज्यादा बड़ा भी हो चुका है और इलाज में कम से कम 20 से 25 लाख रु लगेंगे उसके बाद भी बचने की संभावना नही था, उसे तो विश्वास ही नही था उन्होंने ये सही है कि गलत है जांचने के लिए 5 से 7 जगह अलग अलग डॉ के पास चेक कराया सभी जगह यही बात बोले कि दिल मे छेद बढ़ गया है
सब अरमान चकनाचूर हो गए उसे खुद भी लग रहा था कि अब वो ज्यादा से ज्यादा 3 साल या 5 साल का ही मेहमान है और ना अब ढंग से खाना खा रहा था और ना ढंग से सो पा रहा था बैचेनी बहुत बढ़ गया था सोच सकते है जिस व्यक्ति का उम्र महज 27 साल हो और उसे उसका मौत 5 साल में है करके पता चलेगा तो उसका और उसके परिवार का क्या हाल होगा,
धीरे धीरे उनका शरीर गिरता रहा औऱ अब उनका डेली नीड्स का दुकानदारी भी बंद हो गया, सब कुछ ही महीनों में ही हो गया
इसी बीच उनके घर के बाजू में उनके पड़ोसी दोस्त का शादी हुआ और उनके पत्नी जो की बहुत ही धार्मिक थी जिनका नई नई शादी हुआ था वो पशुपतिनाथ का उपवास करती थी और हर सोमवार को अपने पति के दोस्त के यंहा भी बेल पत्र के प्रसाद देने जाती थी
शुरुआत के 3 सोमवार तक तो वो युवक ने प्रसाद ले कर सिर्फ अपने पास रखता था और बाद में फेंक देता था उसे लगता था कि ये सब से कुछ नही होना जब मेरे किस्मत में मौत लिखा गया है तो अब क्या हो पायेगा इस प्रसाद से,
लेकिन चौथे सोमवार को जब उसे फिर से प्रसाद मिला तो उन्होने ज्यादा ना सोचते हुए उस बेलपत्र रूपी प्रसाद को खा लिया, मुंह मे बेलपत्र का स्वाद उसे इतना अच्छा लगा सिर्फ स्वाद के दृष्टिकोण से उसे बहुत अच्छा लगा उसे उसका मुंह फ्रेश लगा,
अगले हफ्ते जब वो महिला उसे प्रसाद देने आयी तो उन्होंने महिला से कहा भाभी जी और प्रसाद मिल जाएगा क्या? उस दिन मुझे मेरे मुंह का स्वाद बढ़िया फ्रेश लगा तो उस महिला ने कहा कि जी भैया आप ये पूरा प्रसाद पूरा रख लो और बोले कि आप शिव जी का नाम लेकर ग्रहण करना शायद आप पर भी शिव जी का कृपा हो जाये और आपका शरीर सुधर जाये
विनोद शुक्ला जी ने बेलपत्र के सभी प्रसाद को शिव जी के नाम ले कर ग्रहण कर लिया जो उसे बेहद ही अच्छा लगा
अब खुद से ही युवक विनोद शुक्ला अपने घर वालो से बेलपत्र डेली मंगाता और डेली खाने लगा और ऐसे ही घर वालो को दिखाने के लिए शिव जी का नाम लेता था ताकि बेलपत्र खाने को दे
लगभग सवा या डेढ़ माह बाद उसे फिर से चेकअप कराने और दवाई खत्म होने के कारण अस्पताल जाना पड़ा लेकिन ये क्या डॉक्टरों को कुछ भी समझ नही आ रहा था एक बार नही बल्कि 3 बार रिपीट करके चेक किया उसके दिल का छेद कम हो गया था हालांकि अभी भी पूरा ठीक नही हुआ था लेकिन लगभग आधा छेद भर चुका था डॉक्टरों ने मरीज विनोद शुक्ला से पूछा कहा का दवाई और किस डॉक्टर का दवाई खा रहे हो? जबकि इस स्टेज में कोई भी दवाई इतना असरदार हो ही नही सकता और आज तक मेडिकल इतिहास में भी ऐसा नही हुआ है, चमत्कार हो गया, आपका दिल का छेद बहुत कम हो गया है और बताया कि आपके जीवन बढ़ गया है
तो युवक भी अचरज हो गया उन्होंने बताया कि वो किसी भी डॉक्टर के पास नही गया है और ना ही कोई अलग से दवाई खा रहा है हाँ वो डेली मुंह के स्वाद के लिए बेलपत्र खा रहा है और मजाक मजाक में शिव जी का नाम लेता है ताकि बेलपत्र खाने के समय घर वालो को अच्छा लगे
डॉक्टरों को विश्वास ही नही हो रहा था लेकिन सच तो सामने था सभी ने अन्तःमन से ये स्वीकार कर लिया की ये सब शिव जी का ही चमत्कार है और डॉक्टर, नर्स समेत मरीज विनोद शुक्ला जी शिव जी चमत्कार से अभिभूत हो गए डॉक्टर ने उसे 15 दिन बाद फिर चेकप के लिए बुलाया
युवक विनोद शुक्ला भी अपने परिजन समेत घर आ गए और घर आ कर सभी को ये खुशखबरी बताया और अपने दोस्त को भी फोन करके बताया कि आपके यहाँ भाभी जी के दिये हुए प्रसाद से ये चमत्कार हो गया
उसके दोस्त भी अपने पत्नी के साथ उसके घर आ गया और युवक ने खड़े हो कर अपने दोस्त और उसके पत्नी का अभिवादन किया और बोला भाभी जी आपने मेरे को नई जिंदगी दे दिया शिव जी के प्रसाद से मैं बहुत ठीक हो गया हूँ
फिर सभी ने मिलकर घर मे ही शिव का दूधाभिषेक और पूजा अर्चना किया और घर के सभी सदस्यों बच्चे बूढ़े समेत ने प्रत्येक सोमवार को पशुपतिनाथ का व्रत रखने का संकल्प लिया
अब तो विनोद शुक्ला जी बेलपत्र को पहले से बहुत ज्यादा खाने लगा लगभग डेली 21 बेलपत्र खाने लगा उसके शरीर भी अब अच्छा दिखने लगा उसका जीवन जीने का इच्छा भी बढ़ गया और वो खाना भी अच्छे से खाने लगा
लगभग 15 दिन बाद जब फिर से चेकप कराने अस्पताल गया तो उसका दिल का छेद और भी ज्यादा भर गया था जो इस बात को पूरी तरह पुष्टि कर दिया कि ये सब शिवजी का प्रसाद बेलपत्र खाने से ही हुआ है आज मेडिकल साइंस भी मान गया कि शिव आयुर्वेद का ताकत क्या है अब तो खुद डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ भी घर मे और अस्पताल में शिव जी का पूजा करना चालू कर दिये
विनोद शुक्ला जी का दिल का छेद पूरी तरह शत प्रतिशत भरने में लगभग 7 माह लगा और अब वो पूर्णतः स्वस्थ है
ये है शिव जी का बेलपत्र का जादू, शिव चमत्कार
कृपया इस सच्ची चमत्कारिक घटना को ज्यादा से ज्यादा अपने प्रियजन को शेयर करें शायद आपके मैसेज से उनका जीवन भी सुधर जाए
जय शिव भोले